Bihar Education Department Dispute: बिहार में शिक्षा विभाग के विवाद को लेकर काफी बयानबाजी चल रही है। वहीं, सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को इस मुद्दे पर बयान दिया।
पटना (Patna): पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने शनिवार को कहा कि नीतीश कुमार ने राजद के मंत्रियों का दर्जा घटाकर नौकरों का कर दिया है। अधिकारी उसकी बात नहीं सुनते। अधिकारियों की ट्रांसफॉर्मर-पोस्टिंग का अधिकार जेडीयू के मुख्यमंत्री के हाथों में है, इसलिए नौकरशाही जेडीयू के मंत्री-कार्यकर्ताओं के अलावा किसी और को महत्व नहीं देती है। शिक्षा विभाग की स्थिति सभी विभागों के लिए समान है। राजद कार्यकर्ता उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।
‘राजद के एमएलसी का सुझाव सही’
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने राजद कोटा विभाग में ऐसे अधिकारी नियुक्त किए हैं, जो मंत्रियों को नियंत्रित कर सकते हैं। राजद के विधान पार्षद का सुझाव सही है कि नीतीश कुमार को शिक्षा विभाग के अवर प्रधान सचिव को अपना सलाहकार बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री के भरोसेमंद अधिकारी राजद के मंत्रियों को परेशान कर रहे हैं तो दूसरी तरफ जेडीयू के मंत्री बयान देकर अधिकारियों को राजनीतिक कवर दे रहे हैं।
शिक्षा विभाग के मामले में काफी आग लगी हैः सुशील मोदी
भाजपा नेता ने कहा कि राजद-जद (यू) के मंत्रियों के बीच आरोपों और जवाबी आरोपों के कारण विकास कार्य रुक गए हैं। धृतराष्ट्र मुख्यमंत्री बने हुए हैं। अब या तो मंत्री चंद्रशेखर या वर्तमान प्रधान सचिव शिक्षा विभाग में बने रहेंगे। इस मामले ने काफी तूल पकड़ा है, लेकिन दोनों पक्ष कह रहे हैं कि ‘सब ठीक है’। दूसरी ओर, राजद के एमएलसी सुनील सिंह ने कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को केके पाठक को अपना प्रधान सचिव नियुक्त करना चाहिए, ताकि वह सभी विभागों की ठीक से निगरानी कर सकें। इससे बिहार (Bihar) के विकास में तेजी आएगी। इस मुद्दे पर राजद और जद (यू) के बीच तीखी नोकझोंक चल रही है।
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