Lok Sabha Election: मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। लोकसभा की दृष्टि से भी दोनों राज्य महत्वपूर्ण हैं। दोनों राज्यों में कुल 40 लोकसभा सीटें हैं।
Lok sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्ष ने एक भारत गठबंधन बनाया है, जिसमें मोदी सरकार पर हमला करने के लिए 26 दल एक साथ आए हैं। लेकिन 2024 के लिए रणनीति बनाने का मामला अभी दूर है, अभी तक इन दलों के बीच आपसी खींचतान खत्म नहीं हुई है। अखिल भारतीय गठबंधन में शामिल मुख्य दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच चल रहा विवाद अब भी इस बात से कतई नहीं उलझ रहा है कि केजरीवाल कांग्रेस का स्टिंग करने जा रहे छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कुछ करने जा रहे हैं।
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और आप के नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान शनिवार (19 अगस्त) को छत्तीसगढ़ पहुंच रहे हैं। दोनों के रायपुर में कार्यक्रम हैं, जहां वे पार्टी कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देंगे। रैली में विधानसभा चुनाव को लेकर छत्तीसगढ़ की जनता को एक गारंटी कार्ड भी दिया जाना है। कार्यक्रम में प्रदेश भर से ‘आप’ के पदाधिकारी व कार्यकर्ता जुट जाएंगे।
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AAP ने रविवार को रीवा में रैली की
इसके एक दिन बाद 20 अगस्त को दोनों नेताओं का मध्यप्रदेश के रीवा में कार्यक्रम है। केजरीवाल और भगवंत मान रीवा में रैली को संबोधित करने के साथ ही आम आदमी पार्टी की गारंटी की घोषणा कर सकते हैं। AAP के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव पंकज सिंह ने बुधवार (16 अगस्त) को बताया था कि पार्टी मध्य प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है और मध्य प्रदेश में भी पार्टी मजबूत स्थिति में है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सिंगल लार्जेस्ट पार्टी बनकर उभरी थी और सरकार भी बनाई थी। हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में हुए विद्रोह के बाद कांग्रेस को सरकार गंवानी पड़ी थी। इस बार पार्टी सत्ता में वापसी और भाजपा के साथ स्कोर तय करने के मूड में है।
जहां गई ‘आप’, कांग्रेस को हुआ नुकसान
दोनों ही राज्य विधानसभा चुनाव के लिए ही नहीं बल्कि लोकसभा के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। कुल मिलाकर दोनों राज्यों से 40 लोकसभा सीटें आती हैं। अब इन दोनों राज्यों में आम आदमी पार्टी के प्रवेश के बाद कांग्रेस का बेचैन होना स्वाभाविक है। कांग्रेस की यह चिंता किसी के लिए नहीं है। आंकड़े इस तथ्य की गवाही देते हैं। अब तक जहां भी आम आदमी पार्टी बढ़ी है, कांग्रेस को नुकसान हुआ है।
दिल्ली में शीला दीक्षित के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को हटाकर ही आम आदमी ने चुनावी राजनीति में अपनी पहली सफलता का स्वाद चखा। इसके बाद AAP ने पंजाब से कांग्रेस का सफाया कर दिया। इतना ही नहीं, पिछले साल गुजरात में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के प्रवेश से कांग्रेस को बड़ा नुकसान हुआ और पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा।
दिल्ली के साथ आमने-सामने
हाल ही में दिल्ली को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी आमने-सामने आई, जब कांग्रेस की एक शीर्ष स्तरीय बैठक के बाद पार्टी नेता अलका लांबा ने बयान दिया कि पार्टी दिल्ली की सभी 7 लोकसभा सीटों की तैयारी करेगी। ‘आप’ इस बयान से इतनी नाराज़ थी कि उसने ये तक कह दिया कि अगर ऐसा है तो मुंबई में होने वाली बैठक में जाने का कोई औचित्य नहीं है. बाद में कांग्रेस को यह स्पष्ट करना पड़ा कि अलका लांबा दिल्ली पर बोलने के लिए अधिकृत नहीं हैं और दिल्ली की सीटों को लेकर फैसला अभी नहीं हो पाया है।
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