Lok Sabha Elections 2024: राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि हेमंत सोरेन पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं। कांग्रेस के साथ जेएमएम के समीकरण भी अच्छे नहीं लग रहे हैं। इसके चलते भाजपा बढ़त की स्थिति में नजर आ रही है।
Lok Sabha Elections 2024
Jharkhand Political: साल 2014 से 2019 तक मोदी लहर पर सवार भाजपा के लिए क्या स्थिति बदल गई है या केंद्र में उसकी अपनी सरकार बनने जा रही है, ये सवाल अब लोकसभा चुनाव से ठीक पहले चर्चा में हैं। इस बीच, सभी विपक्षी दल भी भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए मिलकर कड़ी मेहनत कर रहे हैं। आपको बता दें कि कांग्रेस, जेडीयू, टीएमसी सहित सभी विपक्षी दल बीजेपी के खिलाफ ग्रैंड फ्रंट बनाने की तैयारी कर रहे हैं। दूसरी ओर, भाजपा ने भी जीत की हैट्रिक बनाने की तैयारी शुरू कर दी है।
ऐसे में अगर झारखंड की बात करें तो टाइम्स वाह नवभारत के सर्वे में भाजपा को एकतरफा बहुमत मिलता दिख रहा है। आपको बता दें कि इस बार लोकसभा चुनाव में यूपीए को सिर्फ 38 फीसदी वोट मिल रहे हैं। जबकि, 53 प्रतिशत भाजपा को जा रहे हैं। अगर सीटों की बात करें तो भाजपा को 14 सीटों पर 10-12 सीटें मिल रही हैं। यूपीए को 2-4 सीटें मिलने का अनुमान है। ऐसे में आने वाले दिनों में झारखंड में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर हो सकती है।
वर्ष 2019 में क्या गेमचेंजर है
Lok Sabha Elections 2024 में 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 14 में से 12 सीटें जीती थीं। हालाँकि, इसके बाद, वर्ष 2019 में हुए विधानसभा चुनावों में, भाजपा को एक बड़ा झटका लगा और सत्ता से बाहर हो गई। 81 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को 25, झारखंड मुक्ति मोर्चा को 30 और कांग्रेस को 16 सीटें मिली हैं। झारखंड आदिवासी बहुल राज्य है। यहां उनका वोट बैंक पूरे राज्य को प्रभावित करता है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद भी आदिवासी समुदाय से आते हैं। आदिवासी समुदाय के वोटों ने 2019 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को हराने में बड़ी भूमिका निभाई।
लोकसभा चुनाव 2019
बीजेपी-11
आजसू-1
कांग्रेस-1
झारखंड मुक्ति मोर्चा-1
बाबूलाल मरांडी आगे क्यों थे?
झारखंड में आदिवासियों के 4 समुदाय हैं। संथाल, मुंडा, हो और उरांव। इसमें भाजपा मुंडा समुदाय को पकड़ रही है। इसका मुख्य कारण करिया मुंडा और अर्जुन मुंडा जैसे नेता रहे हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा को संथाल, कांग्रेस और उरांव आदिवासियों का समर्थन प्राप्त है। ऐसे में भाजपा ने एक बार फिर अर्जुन मुंडा और बाबूलाल मरांडी को आगे रखा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का क्या कहना है?
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि हाल के दिनों में हेमंत सोरेन पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं। जेएमएम का अपने गठबंधन सहयोगी कांग्रेस के साथ समीकरण भी इस समय अच्छा नहीं लग रहा है। इसके साथ ही भाजपा राज्य में हिंदुत्व का मुद्दा भी बना रही है। भाजपा इस राज्य में बढ़त की स्थिति में नजर आ रही है।