Manipur Violence पर सर्वदलीय बैठक कब बुलाई गई है…’ राहुल गांधी ने केंद्र पर साधा निशाना

Rahul Gandhi On Manipur Violence: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के हालात पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई है, जिस पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रतिक्रिया दी है।

All Party Meeting On Manipur Violence: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मणिपुर के हालात को देखते हुए केंद्र द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक पर सवाल उठाए हैं, साथ ही सरकार पर निशाना साधा है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा करने के लिए 24 जून को दोपहर 3 बजे दिल्ली में सर्वदलीय बैठक बुलाई है। गृह मंत्रालय की ओर से बुधवार (21 जून) को इस संबंध में एक बयान जारी किया गया।

राहुल गांधी क्या बोले Manipur Violence पर

राहुल गांधी ने गुरुवार (22 जून) को ट्वीट किया, “मणिपुर 50 दिनों से जल रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री चुप रहे। सर्वदलीय बैठक तब बुलाई गई जब प्रधानमंत्री खुद देश में नहीं हैं! साफ है, यह बैठक प्रधानमंत्री के लिए महत्वपूर्ण नहीं है।

राहुल गांधी ने Manipur Violence में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने की मांग की

करीब एक हफ्ते पहले भी राहुल गांधी ने मणिपुर के हालात को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था और राज्य में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने की मांग की थी.

15 जून को राहुल गांधी ने ट्वीट किया था, ‘बीजेपी की नफरत की राजनीति ने मणिपुर को 40 दिनों से अधिक समय तक आग में झोंका, जिसमें सौ से अधिक लोगों की मौत हो गई। प्रधानमंत्री ने भारत को विफल कर दिया है और वह पूरी तरह से चुप हैं। हिंसा के इस चक्र को समाप्त करने और शांति बहाल करने के लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल राज्य में भेजा जाना चाहिए। आइए नफरत के इस बाजार को बंद करें और मणिपुर में हर दिल में प्यार की दुकान खोलें।

बहुत देर हो चुकी है CM ममता बनर्जी बोलीं

मणिपुर के हालात पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि अब बहुत देर हो चुकी है। न्यूज एजेंसी एएनआई  के मुताबिक, CM ममता ने कहा, ‘अब बहुत देर हो चुकी है. मणिपुर जल रहा है। मणिपुर के लोग परेशानी में हैं। केंद्रीय बल की मौजूदगी में मंत्री का घर जल रहा है। यह पूरी तरह से विफलता है। उन्होंने (केंद्र सरकार) बैठक बुलाई है, इसलिए डेरेक ओ ब्रायन पार्टी की ओर से जाएंगे।

बता दें कि मणिपुर में हिंसा की वजह से करीब डेढ़ महीने में 100 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. करीब 50 दिन पहले राज्य में मेइतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसा भड़क उठी थी। मेइतेई समुदाय अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग कर रहा है, जिसके विरोध में राज्य के पहाड़ी जिलों में तीन मई को आदिवासी एकजुटता मार्च निकाला गया था। इसके बाद झड़प शुरू हो गई।

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