Violence Manipur: मणिपुर दौरे के लिए रवाना हुआ ‘INDIA’ का प्रतिनिधिमंडल, कांग्रेस सांसद ने कहा-जहां हिंसा हुई वहां जाना मुश्किल

Violence Manipur: नवगठित विपक्षी गठबंधन भारत के सांसद मणिपुर दौरे के लिए दिल्ली से रवाना हो गए हैं। सभी नेता वहां राहत शिविर में रहने वाले हिंसा प्रभावित लोगों से मिलेंगे।

Violence In Manipur: मणिपुर में हिंसा को अब 3 महीने पूरे होने वाले हैं। विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर हमला कर रहा है और मणिपुर के संबंध में सरकार से जवाब मांग रहा है। इसी क्रम में ‘भारतीय राष्ट्रीय विकास समावेशी गठबंधन (INDIA) “के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल मणिपुर जा रहा है। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री भले ही मणिपुर को भूल गए हों लेकिन हम भूल नहीं पाए हैं, इसलिए हम पीड़ितों के बीच जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘यह सच है कि हमारे लिए हिंसा प्रभावित स्थानों पर जाना मुश्किल है, लेकिन हम राहत शिविरों में जाकर उनसे मिलकर राज्य में चल रही हिंसा से प्रभावित लोगों से मिलेंगे। हम देखेंगे कि सरकार हिंसा से प्रभावित लोगों के लिए क्या कर रही है। सरकार ने अभी तक उनके लिए क्या किया है? हम वहां इसलिए जा रहे हैं ताकि हम संसद में मणिपुर के लोगों के विचारों को सामने रख सकें।

मणिपुर जाने से पहले विपक्षी दलों के सांसदों ने क्या कहा?

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, हम मणिपुर के दर्द और पीड़ा को जानने जा रहे हैं। मणिपुर का मुद्दा गंभीर होता जा रहा है। मणिपुर में जातीय दंगे हो रहे हैं। अन्य राज्य भी इसमें शामिल हो रहे हैं। सरकार मणिपुर को लेकर गंभीर नहीं है। मुझे लगता है कि हमें कई जगहों पर जाने भी नहीं दिया जाएगा। सरकार मणिपुर पर बहुत कुछ छिपा रही है।

कौन से सांसद मणिपुर के दौरे पर जा रहे हैं?

विपक्षी गठबंधन भारत के कुल 21 सांसद मणिपुर के दौरे पर जा रहे हैं। प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के 4 सांसद, जेडीयू के 2 सांसद, टीएमसी के 1 सांसद, डीएमके के 1 सांसद, आरएलडी के 1 सांसद, शिवसेना (यूबीटी) के 1 सांसद, आप के 1 सांसद और अन्य विपक्षी दलों के 10 और सांसद शामिल हैं। संसद में लगातार हो रहे हंगामे के बीच मणिपुर को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमला बोल रहा है।

प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई और फूलोदेवी नेताम, जनता दल (यूनाइटेड) के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और अनिल हेगड़े, तृणमूल कांग्रेस की सुष्मिता देव, झारखंड मुक्ति मोर्चा की महुआ माजी, द्रमुक की कनिमोझी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के केपीपी मोहम्मद फैजल, राष्ट्रीय लोक दल के जयंत चौधरी, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार झा, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एनके प्रेमचंद्रन और वीसीके पार्टी के टी तिरुमावलवन शामिल थे।

विपक्ष की मांग है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मणिपुर हिंसा पर बयान देना चाहिए और सरकार को इस मामले पर चर्चा करनी चाहिए। वहीं केंद्र सरकार का कहना है कि सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद के दोनों सदनों में मणिपुर हिंसा पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं।

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